नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को राज्यों से ‘‘राष्ट्र हित” में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने की अपील पर विपक्ष-शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने तीखे शब्दों में पलटवार किया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने गुरुवार को कहा कि राज्यों से टैक्स घटाने के लिए कहने पर प्रधानमंत्री को ‘शर्म आनी चाहिए’। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में वर्ष 2015 से ईंधन टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। KCR ने कहा कि राज्यों से कहने के स्थान पर केंद्र टैक्स में कटौती क्यों नहीं कर देता…? केंद्र ने न सिर्फ टैक्स बढ़ाए हैं, वह सेस भी एकत्र करता है, अगर आपमें हिम्मत है, तो बताएं, टैक्स क्यों बढ़ाया गया।
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्यों पर ईंधन की कीमतों को कम करने का ‘बोझ’ डालकर लोगों को ‘गुमराह’ कर रहे हैं।
तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को ईंधन कर में और कटौती पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई तथा कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला राज्य की अर्थव्यवस्था को देखने के बाद लिया जाएगा।
बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उन्होंने उनके साथ ‘‘अन्याय” किया है। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, उससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। मोदी ने कहा कि यह वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का मुद्दा छेड़ते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए उत्पाद कर में पिछले नवंबर में कमी की थी। उन्होंने कहा कि राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वे अपने यहां टैक्स कम करें ओर जनता को इसका लाभ दें।